शराब एक ऐसा तरल पदार्थ (लिक्विड) है जिसमे शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन आदि कोई भी तत्त्व नहीं होता यकर्त उसे पचा नहीं सकता. इसलिए उसे सीधे हर्दय में पंहुचा देता है हर्दय में खून के साथ मस्तिष्क की ओर चल पड़ता है फलतः वह शराब के दुस्प्रभाव में आ जाता है उसके ज्ञान एव तर्क तंतुओ की क्षमता नष्ट हो जाती है वाणी, हाथ-पैर की क्रिया, द्रष्टि आदि सभी इन्द्रिया अनियत्रित हो जाती है जब शराब गुर्दों में पहुच जाती है, तब यह विष गुर्दों की कोशिकाओ को खरोचता रहता है, जिनसे उनमे खुरदरापन आ जाता है इससे केल्सियम जमने लगता है और रक्त प्रवाह में बाधा पहुचने लगती है इससे गुर्दे में दर्द भी बढ़ता है और यहाँ की कोशिकाये मोटी भी हो जाती है इन दो बीमारियों के लिए स्थाई निवास बनाकर ही शराब शरीर से बहार निकलती है अतः असामयिक म्रत्यु से बचने के लिए यह व्यसन छोड़ना अति आवश्यक है
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